Monday, August 31, 2009
एड्स पर कविता
एड्स रोग दुखदाई, जागो रे मेरे भाई
यौ जीवन सोने सौ
1. पति-पत्नि कौ प्रेम अनौखौ, दूजौ साथी कबहुँ न सोचैं
यौ रोग बड़ौ हरजाई, जागो रे मेरे भाई
यौ जीवन सोने सौ
एड़स रोग दुखदाई .....................................
2. संक्रमित सुई से बचखैं रहनै, हमखें एड्स घरै नई ल्यानै।
घर-घर देव बताई, जागौ रे मेरे भाई
यौ जीवन सोने सौ
एड़स रोग दुखदाई .....................................
3. खून खरीदौ जाँचो परखो, ई में आलस तनक न करियो
दूर एड्स की माई, जागो रे मेरे भाई
यौ जीवन सोने सौ,
एड़स रोग दुखदाई .....................................
4. देर करैं कौ मौका नइयाँ, स्याने बनौ छाँड़ लरकइयाँ
‘पाल’ कहै समझाई, जागो रे मेरे भाई
यौ जीवन सोने सौ
एड्स रोग दुखदाई, जागो रे मेरे भाई
यौ जीवन सोने सौ
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जगाना तो जरुरी है.
ReplyDelete- यादों का इंद्रजाल